Posts

Showing posts from 2020

कोरोना वैक्सीन scam

Image
ये सच है बिल गेट्स ने कोरोना वायरस अपने हाथ से नही फैलाया लेकिन कोरोना वायरस का भय फैलाने में बिल गेट्स की महती भूमिका है और समस्या कोरोना वायरस नही है उसका भय ही है,............ मै अप्रैल 2020 से ही कोरोना वायरस के संदर्भ बिल गेट्स की भूमिका पर उंगली उठा रहा हूँ ....लेकिन जैसे इस देश मे मोदी भक्त पैदा हुए हैं वैसे ही बिल गेट्स के भक्त पैदा हो गए हैं इनमे बुध्दिजीवियों की संख्या बहुतायत में है कोरोना के संदर्भ में आप बिल गेट्स का जैसे ही नाम लो वो आप पर कॉन्सपिरेसी थ्योरिस्ट का ठप्पा ठोक देंगे, वे बिल गेट्स के खिलाफ कुछ भी सुनने के लिए तैयार नही है उन्हें लगता है कि बिल गेट्स महान परोपकारी ओर विश्व का सबसे बड़ा दूरदृष्टा है टाइम मैगजीन की इस खबर में बिल गेट्स स्वीकार कर रहे हैं कि जो तकनीक फाइजर ओर मोडर्ना अपनी वैक्सीन मे इस्तेमाल कर रहीं हैं यानी मेसेंजर आरएनए तकनीक (Mrna) उसके विकास में उनके फाउंडेशन की महत्वपूर्ण भूमिका है, साथ ही वह सीरम इंस्टीट्यूट की एस्ट्राजेन्का कम्पनी द्वारा बनाई गई वैक्सीन में भी बड़े पैमाने पर धन लगा चुके हैं  अगर आप ध्यान से देखे तो पूरे विश्व...

Symbol War

Image
यहूदियत सबसे पुराना मोनोथिएस्टिक  ऐंसीएन्ट अब्राहमिक धर्म  है जिसका विस्तार , इतिहास , और रियावायात , मौकुफ़ , मक़सद , अज़ाइम  ऐसी तमाम बातों पर बात करने के लिए  आप पूरी तरह से प्रोफेसि प्रिडिक्शन पर डिपेंड करते हैं ........ दरअस्ल जिस धर्म के अनुयायियों की पूरी तारीख़ प्रोफेसि प्रिडिक्शन्स को फॉलो करते हुए गुज़री , उन्हीं लोगों ने आधुनिकतावाद की चरस देकर बाक़ी लोगों के लिए रिलिजियस  प्रिडिक्शन्स को दकियानूसी और मेन्टल बैकवर्डनेस करार दिया  और बाकी दुनिया के लिए यह थ्योरी कॉन्स्प्रेसि (विवादित) बन कर रह गईं । लेकिन तथ्य पर बात भी करें तो आप अगर जायनिज़म के फ़ासीवाद और आतंकवाद पर बात करेंगे या होलोकॉस्ट का ज़िक्र करेंगे तो उसे एन्टीसेमिटिज़्म करार देते हुए आपकी फ्रीडन ऑफ स्पीच का बेसिक राइट भी खतरे में पड़ जाता है  लेकिन अभी कल से यहूदी धार्मिक चिन्हों को नोटपैड बैकग्राउंड में  ठूंसना कौनसा लिब्रलिज़्म और कौनसा सर्व धर्म समभाव है ?  सिर्फ इसलिए कि फेसबुक का मालिक एक यहूदी है तब भी क्या पब्लिक प्लेटफार्म पर इस तरह के धर्मिक चिन्हों को थोपना क्या इस प्लेटफा...

बिडेन या ट्रम्प

मेरी किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति से कोई सहानूभूती या सपोर्ट नहीं क्योंकी मुसलमानो के खिलाफ़ हर राष्ट्रपति की पॉलिसी एक सी ही रहती है, जब बराक ओबामा प्रेसीडेंट बने थे तब लोगो ने कहा था वो अफ्रीकी मूल के काले हैं जिनके बाप दादा मुसलमान थे लेकिन बराक ने क्या किया से सबको मालूम है इसके ट्रंप ने अपने पहले चुनाव प्रचार में मुसलमानो के खिलाफ़ ज़हर उगल कर माहौल अपने पक्ष में बना लिया था उन्होनो मुसलमानो को बाहर करने की बात कही थी उन्होने अमेरीका फर्स्ट को अपनी निती बनाया ये राष्ट्रवाद की चरस बहुत घातक है जिसपर दुनिया भर मे कई देश चल चुके हैं।  ये सब जानते हैं ट्रंप  जीतने के बाद मुसलमानो का कुछ ना कर पाए उल्टा H1 विज़ा कैंसिल करके लाखों भारतिय लोगो का भविष्य अधर में लटका दिया था जबकी यहां तो उनके जीतने के लिये लागातार हवन हुए हैं और भारत में तो उनका मंदिर तक है, हालांकी उनके लिये हवन करने वाले वही लोग हैं जो पैंसेजर ट्रेन तक में बिना टिकट यात्रा करते हैं यहां ट्रंप का मंदिर और हवन करने के पीछे मक़्सद ये था कि ट्रंप ने मुसलमान विरोधी बयान दिये है जो यहां के अंध भक्तो को तसल्ली बख़्शते ह...

ट्रम्प और कोरोना

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कोरोना पॉजिटिव होने से ज्यादा उनके इतने जल्दी ठीक होने से दुनियाभर में लोग हैरान हैं। लगभग हफ्ते भर में ही वह रिकवरी कर गए लोगो के मन मे सवाल है कि नॉर्मल कोरोना मरीज को ठीक होने में कम से कम तीन हफ्ते का समय लग रहा है तो आखिरकार ट्रंप एक ही हफ्ते में कोरोना से कैसे रिकवर हो गए ? मैं शुर से ही कोरोना में बिग फार्मा के रोल के बारे में आपको आगाह कर रहा हूँ....... ट्रम्प के जल्द ठीक होने का संबंध भी बिग फार्मा के हितरक्षण से ही जुड़ा हुआ है ट्रम्प ने स्वंय एक वीडियो के जरिए यह बताया कि किस दवाई की वजह से वह कोरोना से इतनी जल्द रिकवर हो गए। ट्रंप के मुताबिक, 'कोरोना के इलाज के लिए कई दवाओं के साथ Regeneron की REGN-COV2 एंटीबॉडी ड्रग भी दी गई। उन्होंने बताया कि यह सबसे अहम थी और इससे उन्हें काफी अच्छा महसूस हुआ। राष्ट्रपति ने वीडियो में कहा, 'मैं चाहता हूं कि आपको भी वही दवा मिले जो मुझे मिली और मैं उसे मुफ्त में उपलब्ध कराना चाहता हूं। हम इसे जल्द से जल्द अस्पताल में उपलब्ध कराएंगे।' बिल गेट्स भी इस तरह की एंटीबॉडी दवाओ को प्रमोट कर रहे हैं कह रहे हैं...

अरबी मुल्कों की कारस्तानी और हम

कहां से कहां पहुंच गए हम?? अरबों में इज़्राईल को तस्लीम करने की होड़ लग चुकी है , नेशनल डे के नाम पर ठुमके लग रहे हैं और जब तनक़ीद करो तो लोगों को बुरा लगता है..मगर नबी(अ०स०) की वह ह़दीस़ किसी को याद नहीं आती जिसका मफ़हूम है कि.. तुम संख्या में कम नहीं होगे बल्कि दुनिया की मोह़ब्बत में घिर चुके होगे , इसलिए बड़ी तादाद होने के बावजूद पिटते रहोगे.. इस बात पे लगभग ज़्यादातर अइम्मा उल्मा मशाएख़ मुत्तफ़िक़ हैं कि इमाम मेहदी के ज़हूर के वक़्त मुसलमानों की अक्सरीयत इमाम मेहदी की मुख़ालफ़त करेगी यानि दज्जाल की ह़िमायत में रहेगी.. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं होगा बल्कि तारीख़ ख़ुद को दोहराएगी..ह़ज़रत मूसा(अ०स०) के वक़्त बनी-इज़्राईल ने उनकी मुख़ालफत की , बाद में ह़ज़रत ईसा(अ०स०) बनी इज़्राईल की तरफ भेजे गए तो यहूदियों ने उनकी भी जमकर मुख़ालफत की..यहां तक कि उन्हें फांसी तक लगाने की साज़िश कर डाली..मगर अल्लाह ने उन्हें ज़िन्दा आसमान पर उठा लिया.. बात यहीं ख़त्म नहीं होती..जब हमारे प्यारे नबी(स०अ०व०) ने इस्लाम की दावत देनी शुरू की तो यहूद-ओ-नस़ारा दोनों ने आपके पैग़ाम को ठुकरा दिया..हालांकि दोनों क़ौमों की आसमानी किताबों में...

वोटर बनो सपोटर नही

ज़रा ध्यान से पढ़िएगा .....देश की राजनीतिक समस्या का समाधान इस पोस्ट में है..... जिसकी जितनी दावेदारी ...उसकी उतनी हिस्सेदारी..... मुझे जब भी राजनीति अबूझ लगने लगती है तो मैं शंकर चाचा को ...

नई शिक्षा नीति (संग्रहित)

नई शिक्षा नीति 2020 पर आलोचनात्मक दृष्टि: 34 सालों बाद नई शिक्षा नीति 2020 आयी है! 2015 में बनी सुब्रह्मण्यन कमिटी और फिर 2017 में बनी कस्तूरीरंगन समिति की सिफ़ारिशों को शामिल करते हुए इस ड्र...